सृजन है अधूरा अगर विश्व भर में,
कही भी किसी भी द्वार पर है उदासी.
मनुजता नहीं पूर्ण तब तक
जब तक लहू के लिए भमि प्यासी.
चलेगा सदा विनाश का खेल यूँ ही भले ही दिवाली यहाँ रोज आये,
जलाओ दिए पर रहे ध्यान इतना अँधेरा धरा पर कहीं रह न जाये
..... आपको और आपके परिवार को दीपोत्सव की हार्दिक मंगल कामनाएं ..
कही भी किसी भी द्वार पर है उदासी.
मनुजता नहीं पूर्ण तब तक
जब तक लहू के लिए भमि प्यासी.
चलेगा सदा विनाश का खेल यूँ ही भले ही दिवाली यहाँ रोज आये,
जलाओ दिए पर रहे ध्यान इतना अँधेरा धरा पर कहीं रह न जाये
..... आपको और आपके परिवार को दीपोत्सव की हार्दिक मंगल कामनाएं ..
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